Showing posts with label स्वप्नदोष होना की चिकित्सा. Show all posts
Showing posts with label स्वप्नदोष होना की चिकित्सा. Show all posts

स्वप्नदोष होना की चिकित्सा

स्वप्नदोष होना की चिकित्सा

स्वप्नदोष होना
सेक्स जीवन आनंदमय तभी हो सकता है  जब स्त्री और पुरूष दोनों का स्वस्थ हों। पुरुषों के शरीर में वीर्य लगातार बनता रहता है। वीर्य से ही हमारे सरीर मैं बल यानी शक्ति पैदा होती है बार-बार स्वप्नदोष होने से पुरुषों को कई प्रकार की शारीरिक ओर मानसिक कमजोरी हो जाती है जो ख़तरनाक होती है इस बीमारी से ग्रस्त रोगी के गाल पिचके हुए ओर आँखे अंदर को धँसी हुई होना इसकी निशानी है यह रोग जायदातर उन लोगों मैं जल्दी होता है जो हस्त मेथुन के आदि थे या जो कामुक कितबे पढ़ते हैं

बार बार स्वप्नदोष होने से योवंता का नाश हो जाता है
स्वप्नदोष को रोकने के लिए पावर ओ गोल्ड पावडर का 3 माह तक लगातार इस्तेमाल करना ज़रूरी है
ओर इसके साथ जल्दी आराम पाने के लिए नीचे लिखी किसी एक दवा का सेवन 90 दिन तक करे जिससे खोई हुई ताक़त वापिस आ जाए ओर सरीर पुन बलवान हो जाए

(1) पालक के पत्ते लगभग 250 ग्राम पानी से खूब धोकर सिल पर बिना पानी के पीस लें। एक मोटे साफ धुले हुए कपड़े को पानी में भिगोकर खूब अच्छी तरह निचोड़ लें, ताकि कपड़े में पानी न रहे। अब इसमें पिसी हुई पालक रखकर कपड़े को दबा-दबाकर पालक का रस एक कप में टपकाएं। सुबह खाली पेट यह रस, दन्त मंजन करने के बाद पी लें और आधा घंटे तक कुछ खाएं-पिएं नहीं। यह प्रयोग रोजाना 6-7 दिन तक करने से स्वप्नदोष होना बंद हो जाता है। यह एक आयुर्वेदिक परीक्षित नुस्खा है।
(2) नीम गिलोय के अंगुलभर आकार के तीन टुकड़े और तीन काली मिर्च सिल पर रखकर कूट-पीसकर खूब बारीक कर लें। इसे सुबह खाली पेट पानी के साथ पिएं। जब स्वप्नदोष होना बिलकुल बंद हो जाए, तब इसका सेवन करना बंद कर दें।
(3) -कांच के गिलास में बीस ग्राम पिसा हुआ सुखा आंवला डाले। इसमें साठ ग्राम पानी भरें और फिर बारह घंटे भीगने   दें। फिर छानकर इस पानी में एक ग्राम पीसी हुई हल्दी मिलाएं और पीएं।
(4)-पिसे हुए अनार के छिलके पांच ग्राम सुबह और शाम लेने से स्वप्न दोष नहीं होता।
 (5)-केला स्वप्न दोष और प्रमेह में लाभदायक है। दो केले खाकर ऊपर से एक पाव गरम दूध तीन महीनें तक रोज पीएं।
(6)-लहसुन की दो कुली टुकड़े करके पानी से निगल जाएं। इससे स्वप्र दोष नहीं होगा। यह प्रयोग रात को सोते समय हाथ-पैर धोकर रोज करें।
(7)-प्याज दस ग्राम सफेद प्याज का रस, अदरक का रस आठ ग्राम, शहद पांच ग्राम, घी तीन ग्राम मिलाकर रात्रि को सोते समय पीने से स्वप्र दोष नहीं होता। यह नुखसा सिर्फ़ सर्दी मैं ही करना चाहिए
(8)-सुखा धनिया कूट, पीसकर छान लें। इसमें समान मात्रा में पीसी हुई मिश्री मिलाएं। सुबह भूखे पेट रात के पानी से एक छोटी चम्मच 1 माह तक फक्की लें और एक घंटे तक कुछ न खाएं पीएं।