हर बीमारी आपकी मुट्ठी मे

हर बीमारी आपकी मुट्ठी मे

Green grass
हर रोज सुबह सुबह २०-३० मिंन्ट तक हरी दुभ जिस पर ओस हो पेर टहलें या घूमे या किसी नज़दीकी पार्क मे घास पर घूमे
इससे नज़र तेज होती है ओर चश्मे का नंबर भी लगातार कम होता जाता है सुबह सुबह घास पर टहलने के ओर भी ढेर सारे फ़ायदे है

१-सुबह सुबह घास पर टहलने से दिल के रोगों के मरीज की बीमारी मैं भी लाभ होता है
२-सुबह सुबह घास पर टहलने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल मैं रहता है , ब्लड प्रेशर कंट्रोल मे रहता है
३-सुबह सुबह घास पर टहलने से मोटापा कम होता है चर्बी कम हो जात है
४ सुबह सुबह घास पर टहलने से शुगर व ब्लडशुगर के मरीज़ो मे शुगर के सत्र को नियंत्रण मे बड़ी मदद मिलती है  

सिर में सिकरी या रूसी

सिर में सिकरी या रूसी

घर पर तैयार करें देसी शैंपू जो आपकी सिकरी या रूसी का कर दे ख़तम

dandruff
अगर आप सोचते हैं कि बाजार से रसायनयुक्त शैंपू ख़रीदकर आप अपनी रूसी ख़तम कर देंगी तो आप ग़लत है। अब तक आप पता नही कितने दावों वाले शैंपू आजमा चुकी  हैं, अब सिर्फ़ हमारे इस देसी शैंपू को आजमा कर देखें
 समान

अदरक को बारीक पीसकर २-३ चम्मच रस निकाल लें।  इसके अंदर 5-6 बूंद निंबू का रस मिला लें ओर इसमें तीन चम्मच काले या सफेद तिल का तेल या जैतून का असली तेल मिला लें
बस हो गया है आपका देसी शैंपू या कंडीसनर तैयार अब इसे नहाने से पहले इस देसी शैंपू को बालों की जड़ों तक उंगलियों के हल्के दबाव के साथ लगाकर मालिश कर लें। 20 मिनट तक ऐसा ही छोड़ दें। फिर बालों को धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इस नुस्खे को आजमाएं। आप अपने सिर मैं सीकरी या रूसी का नाम भी ढूंड नही पाएँगी

सिरदर्द या माईग्रेन

migraine
सिरदर्द एक देखने मे छोटी मगर एक गंभीर किस्म की बीमारी है
आम तोर पर सिर दर्द या माईग्रेन रोग के इलाज मे एलोपैथिक दवाओं
माईग्रेन एक बेहद दर्दकारक समस्या है,  ज्यादातर देखा जाता है की माईग्रेन का दर्द सिर के बाएं अथवा दाहिने भाग में होता है, यानि सिर के एक ही हिस्से में इसे महसूस किया जाता है इसलिये इसे आधा सिर दर्द भी कहा जाता है। कभी-कभी यह दर्द ललाट और आंखों पर भी स्थिर हो जाता है। जो नज़र की कमज़ोरी के कारण भी हो जाता है कई दफ़ा माईग्रेन का दर्द सुबह उठते ही प्रारंभ हो जाता है और सूरज के चढ़ने के साथ रोग भी बढ़ता जाता है। दोपहर बाद दर्द में कमी हो जाती है। कारगर उपायों के तौर पर सुदुर ग्रामीण अंचलों में आदिवासी हर्बल जानकार अनेक हर्बल नुस्खों का इस्तमाल करते हैं, आज हम ऐसे ही एक कारगर नुस्खे का जिक्र करेंगे जिसे आमतौर पर आदिवासी अक्सर इस्तमाल में लाते हैं।
अगर अप भी माईग्रेन या सिर के दर्द के शिकार है ती यह नुस्खा आजमा कर देखें
- 1-हर रोज एक एक बूँद श्री तुलसी की पानी मैं या चाय मे डॉल कर दो या तीन बार पी ले 

2-तुवर के पत्तों या हरहर के पत्तों का रस (५० ग्राम) तथा दूब (दूर्वा घास) (५० ग्राम) का रस निकल कर, इन दोनो मिश्रण को आपस में अच्छी तरह घोल ले और इसमें ३-४ काली मिर्च भी कूटकर मिला ले  इस रस की  २-३ बूंद  को नाक के दोनो नथूनों में डालें
१५ से २० दिन तक दिन में दो बार करें यह माईग्रेन का सबसे बढ़िया उपचार है 

के नाम पर दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं लेकिन दर्द निवारक दवाओं से दर्द मे तो रहट मिल जाती है मगर इनके घातक दुष्प्रभावों से कई अन्य रोग होना भी आम बात है।

बायो एनर्जी हेल्दी ब्रेसलेट

यह ब्रेसलेट  पार्दूषण,रेडियेशन चुंबकीय शक्ति की कमी से  हमारे सरीर की सेनट्र ऑफ ग्रॅविटी
यानी हमारे सारिस के संतुलन सिस्टम के जो सेल्स खराब हो चुके है या मार चुके है उनको सक्रिय कर देता है |यह ब्रेसलेट सही मे कहे तो हमारे सरीर के लिए उर्जा बढ़ाने वाला पवर प्लांट है जिससे आन्त उर्जा का संचार होता है
यह हमारे सरीर के चारो तरफ सुरक्षा चकर का निर्माण करता है जिससे वातावर्ण मे मोजूद हानिकार्क तत्वो के परभाव से बचा जा सकता है
इसमे 5 तरह की स्वस्थ-वर्धक थेरोपी हैं
1-चुंबकीय थेरोपी 
2-रोर इंफ्रारेड रेंज थेरोपी
3-जर्मेनिउम थेरोपी
4-नगेटिव आयन्स थेरोपी
5-टाइटैनियंम थेरोपी
ये सभी सरीर की सुरक्षा प्रदान करती हैं एवम् इनके प्रभाव असचर्यजनक हैं
यह अनेक बीमारिओ मैं लाभदायक है  जैसे सरिरक ,मानसिक एव यों क्षमता बढ़ने मे,कमर,कंधो,सिर,पैर,मश्पेशिओ या जोड़ो के दर्द,गठिया की बीमारी,कबज,शुगर, ओर इनसे होने वाली बीमारिओ मे,ब्लड प्रेशर एन खून के प्रवाह को ठीक करने मे,ब्लड कोलेस्ट्रॉल को ठीक करने मे तथा ह्रदया एव लिवर को बाल देने मे, ह्रदये की धमनिओ मे आइ रुकावट को ठीक करने म्व, थकावट को दूर करने एव सरिरक़ उर्जा ओर ताक़त देने मे बहोत बेहतरीन है 

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हकलाना या वाणी दोष का इलाज

 हकलाना , तुतलाना  रोग एक असभ्य रोग है इस रोग को ठीक करने के लिए कोई अलोपेथिक
Stammer disease
दवाई मोजूद नही है इसको ठीक करना मुस्किल काम नही है मगर तोड़ा लंबा ज़रूर है
इसके रोगिओ को हिमालयण बेरी जूस की 1-1 चमच दवा सुबह खाली पेट ओर रत को सोते सम्य 3 माह तक लेनी है
बेध्यनाथ की संख पुष्पी 2-2 चमच खाना खाने के बाद दोनो टाइम लेनी है

इसके इलावा
  बच्चे के लिए * बच्चे को एक ताजा हरा आँवला रोज चबाने के लिये दें। बच्चे से कहें कि पूरा आँवला वह चबा कर खा ले। इससे बच्चे की जीभ पतली हो जायेगी और उसके मुख की गर्मी भी समाप्त हो जायेगी।
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बच्चे का तुतलाना और हकलाना बन्द हो जायेगा। 
बड़ों के लिए   * बादाम गिरी 7 और काली मिर्च 7 लेकर कुछ बूंद पानी में घिस कर चटनी बना लें और उसमें थोड़ी-सी मिश्री मिला लें तथा रोगी को सुबह कुछ भी खाने से पहले चटा दें। नियमित रूप से लगभग एक या दो माह तक ऐसा करें। हकलाना और तुतलाना समाप्त हो जाता है